संसाधन

Explore this section to look at the rich repository of resources compiled and generated in-house by RRCEE. It includes curriculum materials, research articles, translations, and policy documents, including commission reports, resources for teachers, select articles from journals and e-books. These all are collated under in user friendly categories, with inter-sectional tags. These resources are both in Hindi and English and cover a wide range of topics.


Stri Shiksha ke virodhi kutarkon ka khandan

स्त्री शिक्षा के विरोध में कुछ तर्क आज भी बहुत मशहूर हैं कि इससे परिवार संस्था का विघटन हो जाएगा कि स्त्रियां बिगड़ गाएंगी कि स्त्री तो घर की शोभा है आदि आदि| ये तर्क (महावीर प्रसाद द्दिवेदी की भाषा में कुतर्क) पितृसत्ता को कायम रखने की मंशा से दिए जाते हैं और इनकी पुष्टि के लिए इतिहास या माइथोलोजी से प्रमाण जुटाए जाते हैं| पुरातनपंथियों के लिए आज भी यह प्रिय बहस है| महावीर प्रसाद द्दिवेदी ने 1914 में इस प्रकार के सभी कुतर्को का जवाब दिया| ये स्वाधीनता आंदोलन का दौर था और भारतीय समाज सही मायने में सभी की स्वाधीनता के सवालों से जूझा रहा था|

Hamari Shiksha paddhaiti aur dalit

यह अनुभव हमारी शिक्षा व्यवस्था में दलितों की स्थिती पर प्रकाश डालता है| हमारा सामान्य अनुभव और कुछ शोध बताते हैं कि आज भी स्कूलों में दलितों के साथ बराबरी का व्यवहार नहीं होता| साथ ही यह अनुभव पाठ्यपुस्तकों एवं साहित्य में दलित नजरिए के प्रतिनिधत्व के आभाव को रेखांकित करता है|

Shiksha vyavastha mein vishamta

निजीकरण एवं बाजारवादी दौर ने शिक्षा के क्षेत्र में भी चुनौतियां उपस्थित की हैं| शिक्षा के क्षेत्र में भी पूर्णतः दो समानान्तर दुनिया दिखाई देती हैं| एक ओर बहुत से बच्चे अभी तक भी स्कूल की दहलीज तक नहीं पहुचं पाए हैं तो दूसरी ओर चकाचौंध करने वाली व्यवस्थाएं भी रची जा रही हैं| क्या यह प्रलाप सी लगने वाली मांग अनुचित है कि सभी बच्चों को सामान शिक्षा मिले?